मधुमक्खी पालन “मीठी कांति” पर किया गया कार्यशाला का आयोजन जिले में मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं—–श्री बिसेन

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बालाघाट। कृषि विज्ञान केंद्र बड़गांव द्वारा कृषि विभाग के सहयोग से आज 27 फरवरी को मधुमक्खी पालन “मीठी क्रांति” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में जिले में मधुमक्खी पालन से युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर बिसेन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन आधिकारी श्री विवेक कुमार, कृषि महाविद्यालय मुरझड़ के डीन, कृषि विज्ञान केंद्र बड़गांव के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर आर एल राऊत, उप संचालक कृषि श्री राजेश खोबरागड़े, मधुमक्खी पालन के विशेषज्ञ, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं मधु मक्खी पालन से जुड़े किसान उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री गौरी शंकर बिसेन ने इस अवसर अपने संबोधन में कहा कि बालाघाट जिले में प्रचुर मात्रा में वन पाए जाते हैं। इस प्राकृतिक संपदा के कारण जिले में मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं विद्यमान है । जरूरत इसके दोहन की है । मधुमेह मधुमक्खी पालन से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं और इससे उनकी आय में इजाफा होगा। मधुमक्खी पालन का कार्य घर पर भी किया जा सकता है । यह एक प्रकार का कुटीर उद्योग ही है । किसान इसे अपनाकर कृषि के साथ-साथ अतिरिक्त आय का जरिया भी पैदा कर सकते हैं ।शासन द्वारा मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके लिए ऋण एवं अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है बालाघाट जिले के युवा एवं किसान मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन के इस क्षेत्र में आगे आएंगे तो इससे जिले को एक नई पहचान मिलेगी।
कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा मधुमक्खी पालन की तकनीक, पालन की प्रक्रिया, शहद के लिए बाजार, इस व्यवसाय के लिए पूंजी आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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